सुब्रमण्यम स्वामी ने एडवोकेट ईशकरण से तथ्यों की जांच करने को कहा, बोले- संविधान की धाराएं तलाशी जा रहीं

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में उनके फैन्स लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। भाजपा सांसद रूपा गांगुली और अभिनेता शेखर सुमन भी इस बावत आवाज उठा चुके हैं। अब इस मामले में भाजपा से राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने दखल दिया है।

स्वामी ने एडवोकेट, इकोनॉमिस्ट और पॉलिटिकल एनालिस्ट ईशकरण सिंह भंडारी को मामले में तथ्यों कीजांच करने को कहा है। ताकि वे यह समझ सकें कि केस सीबीआई जांच के लायक है या नहीं।

फिलहाल संविधान की धाराएं खंगाल रहे ईशकरण

स्वामी की मानें तो ईशकरण फिलहाल यह देख रहे हैं कि इस मामले में संविधान की कौन-सी धाराएं लागू होती हैं। उन्होंने लिखा है- फिलहाल ईशकरण यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या इस मामले में आर्टिकल 21 के साथ-साथ आईपीसी के सेक्शन 306 या 308 लागू होते हैं। या तो पुलिस के वर्जन को स्वीकार कर लिया जाए, जिसके मुताबिक यह एक आत्महत्या थ, या फिर एक्टर को ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया?

जब एक फैन ने स्वामी से पूछा कि केस में सेक्शन 302 का एंगल क्यों नहीं देखा जा रहा? तो स्वामी ने रिप्लाई में लिखा कि ट्रायल के दौरान यह 302 में बदल जाएगा। स्वामी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है- इसकी शुरुआत आत्महत्या मानकर की जाएगी और सीबीआई जांच में सबूत सामने आने के बाद चार्ज शीट में यह मर्डर का चार्ज बन जाएगा।

रूपा गांगुली ने ईशकरण का शुक्रिया अदा किया

सुशांत मामले में दखल देने के लिए रूपा गांगुली ने ईशकरण का शुक्रिया अदा किया है। शुक्रवार को उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा- शुक्रिया सर। आपके जैसे इकोनॉमिस्ट और सीनियर पॉलिटिशियन द्वारा किया गया दखल सत्य की खोज की दिशा में आशा और साहस लाएगा।

भंडारी ने रूपा को जवाब देते हुए लिखा है- शुक्रिया रूपा। आप मजबूती के साथ सुशांत सिंह राजपूत को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठा रही हैं। मैं सच पता करने और अगला कदम उठाने के लिए सभी कागजात और सबूत खंगाल रहा हूं।

इसके साथ ही ईशकरण ने सोशल मीडिया यूजर्स से भी केस से जुड़ी जानकारी उन्हें मेल करने को कहा है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि सिर्फ सही जानकारी ही भेजी जाए, ताकि मामले को जल्दी से जल्दी समझा जा सके।

अब तक 34 लोगों के बयान दर्ज हो चुके हैं

14 जून को सुशांत मुंबई स्थित अपने घर में सीलिंग फैन से लटके पाए गए थे। पोस्टमॉर्टम और विसरा रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो चुका है कि अभिनेता की मौत फांसी लगाने के बाद दम घुटने से ही हुई थी। हालांकि, अभी तक सुसाइड के पीछे की असली वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है।

मुंबई पुलिस पहले दिन से ही लगातार मामले की जांच कर रही है। अब तक 34 लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें सुशांत का घरेलू स्टाफ, मैनेजर, पीआर टीम, एक्स मैनेजर, दोस्त, गर्लफ्रेंड, को-स्टार और परिवार के सदस्य शामिल हैं।

फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों से पूछताछ जारी

यशराज फिल्म्स के कुछ पूर्व अधिकारी और कास्टिंग डायरेक्टर शानू शर्मा के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। कुछ और अधिकारियों से पूछताछ होगी। शानू को भी दोबारा पुलिस स्टेशन बुलाया जा सकता है।

फिल्मों में सुशांत को रणवीर सिंह से रिप्लेस करने के दावों पर सोमवार को फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली से 3 घंटे पूछताछ हुई। सूत्रों की मानें तो इसमें उनसे 30 सवाल पूछे गए थे। भंसाली ने कहा कि सुशांत को उन्होंने रिप्लेस नहीं किया था, बल्कि वे खुद फिल्में छोड़कर गए थे।

फिल्ममेकर शेखर कपूर अपना स्टेटमेंट पुलिस को मेल कर चुके हैं। कंगना रनोट को भी बयान दर्ज कराने बुलाया जा सकता है। कंगना ने जहां खुलकर आरोप लगाया है कि सुशांत को बॉलीवुड का नेपोटिज्म ले डूबा तो वहीं, शेखर कपूर ने भी ऐसे ही संकेत दिए थे।

सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को मुंबई स्थित अपने घर में मृत पाए गए थे। फैन्स लगातार इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। सुब्रमण्यम स्वामी ने पहले यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वाकई यह केस सीबीआई जांच के लायक है या नहीं।

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