वोडाफोन आइडिया ने फ्रैंकलिन टेंपल्टन म्यूचुअल फंड का पूरा पैसा चुका दिया है। कंपनी ने मैच्योरिटी और ब्याज सहित कुल 2,875 करोड़ रुपए चुकाया है। शुक्रवार को इस निवेश की मैच्योरिटी थी और वोडाफोन आइडिया ने इसे दे दिया। इससे यह संकेत मिल रहा है कि वोडाफोन आइडिया सुप्रीम कोर्ट में अपने एजीआर के पेमेंट को लेकर और पॉजिटिव रूख अपनाएगी।
जनवरी में पोर्टफोलियो से 6 स्कीम्स को अलग किया था
जानकारी के मुताबिक इस मामले में कुछ लोगों ने बताया कि फ्रैंकलिन टेंपल्टन को वोडाफोन आइडिया में सिक्योरिटीज के एवज में 1,253 करोड़ रुपए फाइनल मिल गए। हालांकि नेट पेमेंट 2,875 करोड़ रुपए का था जिसका भुगतान टेलीकॉम कंपनी ने किया है। फ्रैंकलिन टेंपल्टन ने वोडाफोन की सिक्योरिटीज में 6 डेट स्कीम्स को जनवरी में अलग किया था। इस पेमेंट के बाद फ्रैंकलिन टेंपल्टन के निवेशकों को पूरा पैसा मिलेगा।
वोडाफोन आइडिया पर एजीआर का 51 हजार करोड़ का बकाया है
वोडाफोन इंडिया को सुप्रीम कोर्ट के अनुसार 51,000 करोड़ रुपए एजीआर के एवज में चुकाना है। या तो फिर उसे कंपनी बंद करनी होगी। हालांकि कई बार ऐसा बयान आया भी है कि वोडाफोन एजीआर के कारण बिजनेस को बंद कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट में यह सुनवाई तीसरे हफ्ते में होनी है। उधर बीएसई पर वोडाफोन आइडिया का शेयर शुक्रवार को 4 प्रतिशत बढ़कर 9.75 रुपए पर बंद हुआ।
कंपनी का नेटवर्थ 60 हजार करोड़ से घटकर 6,000 करोड़ हो गया
कंपनी का नेटवर्थ 2019 के मार्च में 60 हजार करोड़ रुपए था जो 2020 के मार्च में घटकर 6,000 करोड़ रुपए हो गया। साथ ही इसका कैश रिजर्व 7,550 करोड़ रुपए से घटकर 2,480 करोड़ रुपए हो गया।बता दें कि वोडाफोन ने जून 2015 में एनसीडी लाया था। यह एनसीडी आइडिया में विलय से पहले आया था। आइडिया में वोडाफोन का विलय अगस्त 2018 में हुआ था।
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