देश में करीब ढाई महीने लंबे लॉकडाउन के बाद 1 जून से अनलॉक शुरू हो गया है। इस दौरान आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है। इस बात का संकेत इससे मिलता है कि जून में तेल की खपत में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लॉकडाउन के दौरान लागू प्रतिबंधों के कारण अप्रैल में तेल की खपत 13 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थी।
जून में 11 फीसदी ज्यादा तेल की खपत
पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस मंत्रालय की पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) के डाटा के मुताबिक, जून महीने में 16.29 मिलियन टन तेल की खपत रही है। यह मई महीने के मुकाबले 11 फीसदी ज्यादा है। हालांकि, एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले खपत अभी भी 7.9 फीसदी कम है। रिफाइंड ऑयलकी खपत को ही इसकी मांग का मापक माना जाता है। अप्रैल में 9.94 मिलियन तेल की खपत रही थी। अप्रैल के मुकाबले जून में 64 फीसदी ज्यादा खपत रही है।
अप्रैल के मुकाबले जून में डीजल की दोगुनी खपत
डाटा के मुताबिक, जून महीने में तेल की खपत 6.30 मिलियन टनरही है। अप्रैल की 3.26 मिलियन टन तेल की खपत के मुकाबले यह दोगुना है।देश की कुल तेल खपत में डीजल की भागीदारी करीब 40 फीसदी है। जून में पेट्रोल या गैसोलीन की खपत अप्रैल के मुकाबले 134 फीसदी बढ़कर 2.28 मिलियन टन पर पहुंच गई है। अप्रैल में 0.97 मिलियन टन पेट्रोल की खपत रही थी।
इंडस्ट्रियल ऑयल की खपत भी बढ़ी
जून महीने में इंडस्ट्रियल ऑयल की खपत में भी बढ़ोतरी रही है। डाटा के मुताबिक, जून में नेफ्था तेल की खपत एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 18.2 फीसदी बढ़कर 1.17 मिलियन टन रही है। मई के मुकाबले इसमें 8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाले बिटुमिन की खपत में वार्षिक आधार पर 27 फीसदी की बढ़ोतरी रही है।
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